घर या मकान का नक्शा बनाने से पहले यह जरुर जान ले / How To Make Home Map In Hindi Language
घर या मकान बनाने के लिए सबसे पहले घर का नक्शा (MAP) बनाया जाता है और हम
में से ज्यादातर लोग यह गलती करते है की हम बिना नक़्शे (MAP) के कहीं भी बिना
सोचे समझे कमरे, रसोई या बाथरूम बना लेते है कुछ लोग घर का नक्शा
(MAP) बनाने के लिए किसी नक़्शे वाले {आर्किटेक्ट } के पास भी जाते है और उसे
कहते है की हमारी इतने इतने गज जमींन है इसमें तीन कमरे चार कमरे और किचन सेट
कर दो , एक या दो बाथरूम सेट कर दो, सीढ़ी अंदर या बहार कही भी बना दो और इसका
फ्रंट लुक का अच्छा डिजाइन बना दो , फिर वो नक़्शे वाला {आर्किटेक्ट }अपने पास
रखे हुए पुराने नक्शो में से कोई एक नक्शा लेकर उसमे अपने हिसाब से
थोड़ा बदलाव करके हमको प्रिंट निकल कर दे देता है और हमसे आठ से दस हजार रूपए
ले लेता है।
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घर का नक्शा |
हमें यह गलती नहीं करनी है हमें अपने घर के नक़्शे को अपनी
जरूरतों के हिसाब से, हवा, पानी, रौशनी और अन्य जरूरतों के हिसाब
से ठीक से बनाना और समझना चाहिए, नक़्शे को समझना बहुत ही
जरुरी होता है। अतः हमें घर बनाने से पहले घर का नक्शा (मैप
) बनाना चहिये हम नक्शा बनाते समय कुछ बातो का ध्यान रख
सकते है जो की इस प्रकार है।
नक़्शे में रोड के हिसाब से पानी का टैंक, सेप्टिक टैंक, और ड्रेनेज पाइप की व्यवस्था करें
जब हम घर का नक्शा बनवाते है तो नक़्शे में केवल कमरे रसोई बाथरूम
टॉयलेट फ्रंट लुक आदि का ही धयान रखते है पानी का टैंक, सेप्टिक टैंक और ड्रेनेज पाइपों पर कोई ध्यान नहीं
देता और नक़्शे वाला भी हमें केवल कमरे रसोई सेट करके दे देता है
फिर बाद में क्या होता है की घर बनाने वाला मिस्त्री अपने हिसाब से बची
हुई जगह में कही पर भी पानी का टैंक, सेप्टिक टैंक और ड्रेनेज पाइप आदि रख देता है और एक
बार ये सब बन जाने के बाद हमें बाद में पछताना पड़ता है अतः इस दिक्कत
से बचने के लिए हम घर का नक्शा बनाते समय कुछ बातो का ध्यान रख
सकते है जो की इस प्रकार है :-
- पानी का टैंक और सेप्टिक टैंक सड़क की ओर या सड़क से सीधे संपर्क में होने चाहिए अर्थात सड़क और इन टैंको के बीच में कोई कमरा नहीं होना चाहिए, इससे जब भी टैंक साफ़ करना हो, पानी के टैंक में टैंकर डलवाना हो तो इससे आसानी रहती है।
- ड्रेनेज पाइपों का विचार पहले से ही कर लिया जाना चाहिए ऐसा करने से पानी सुचारु रूप से निकल पाता है, और बाद में इधर का पाइप उधर नहीं जोड़ना पड़ता है अतः सभी ड्रेनेज पाइप जो रसोई बाथरूम टॉयलेट आदि से निकलते है उन्हें नक़्शे में इस प्रकार सेट करे की कम से कम पाइप में सारा काम हो जाये और ड्रेनेज पाइप को इस प्रकार बहार निकले की वो पानी के टैंक के आस पास से होकर ना गुजरे क्योकि यदि कभी ड्रेनेज पाइप लीक कर गया तो वो पानी के टैंक को गन्दा कर सकता है।
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पानी का टैंक और सेप्टिक टैंक कभी भी पास पास ना बनाए क्योकि ये
जमींन के अंदर होते है, और अगर कभी ये लीक कर गए तो पता भी
नहीं पड़ेगा जिससे पानी का टैंक दूषित हो सकता है और घर में
बीमारी फ़ैल सकती है अतः हमें नक़्शे में यह ध्यान रखना है की पानी का टैंक और
सेप्टिक टैंक दूर दूर बने हों।
घर के चारो तरफ 3 से 4 फुट चौडाई की गैलरी रखें
कई लोग बिना सोचे समझे प्लाट की बॉउंड्री से ही कमरे की दीवारें खाड़ी
कर लेते है ऐसा करने पर घर के कमरों में खिड़की रखने
की रौशनी और हवा के आने के लिए कोई जगह ही नहीं रहती जिसके
कारण फिर लोगो को जीवन भर गर्मी और घुटन में रहना पड़ता है और रौशनी
के लिए दिन में भी लाइट जलानी पड़ती है।
अतः यदि हमारा प्लाट थोड़ा बड़ा है तो हमें घर के चारो तरफ 3 से 4 फुट
चौड़ाई की गैलरी जरूर छोड़नी चाहिए, इससे हम अपने घर के सभी
कमरों में खिड़किया रख सकते है, और खिड़किओं में कूलर लगा सकते है
जिससे हमें शुद्ध हवा और सूरज की रौशनी दिन भर मिलती रहेगी और दिन
में हमें लाइट नहीं जलानी पड़ेगी, यदि हम AC भी लगते है तो हम आउटडोर
यूनिट आराम से बहार लगा सकते है।
अगर हमारे प्लाट में घर के चारो तरफ 4 फुट चौड़ाई की गैलरी छोड़ने की जगह है, तो हमें बाथरूम रसोई के सारे ड्रेनेज पाइप गैलरी में से होकर ही निकलने चाहिए क्योकि कई बार क्या होता है की अंडरग्राउंड ड्रेनेज पाइप कचरा फसने की वजह से जाम हो जाते है फिर उन्हें ठीक करने के लिए फर्श तोडना पड़ता है जिससे बहुत खर्चा और परेशानी हो जाती है यदि पाइप बहार गैलरी में हो तो यह काम बहुत कम खर्च और बिना दिक्कत के हो जाता है
और अगर हमारा प्लाट चौड़ाई में काम है और हम चारो तरफ गैलरी नहीं छोड़ सकते तो भी हमें घर के पीछे की तरफ 4 फुट चौड़ाई की गैलरी जरूर छोड़नी चाहिए जिसे हमें ऊपर से खुला रखना है जिससे हम पीछे वाले कमरों में खिड़की रख सकते है, कूलर लगा सकते है। इससे घर के पीछे वाले कमरों में पर्याप्त हवा और रौशनी आती रहेगी।
अगर हमारे प्लाट में घर के चारो तरफ 4 फुट चौड़ाई की गैलरी छोड़ने की जगह है, तो हमें बाथरूम रसोई के सारे ड्रेनेज पाइप गैलरी में से होकर ही निकलने चाहिए क्योकि कई बार क्या होता है की अंडरग्राउंड ड्रेनेज पाइप कचरा फसने की वजह से जाम हो जाते है फिर उन्हें ठीक करने के लिए फर्श तोडना पड़ता है जिससे बहुत खर्चा और परेशानी हो जाती है यदि पाइप बहार गैलरी में हो तो यह काम बहुत कम खर्च और बिना दिक्कत के हो जाता है
और अगर हमारा प्लाट चौड़ाई में काम है और हम चारो तरफ गैलरी नहीं छोड़ सकते तो भी हमें घर के पीछे की तरफ 4 फुट चौड़ाई की गैलरी जरूर छोड़नी चाहिए जिसे हमें ऊपर से खुला रखना है जिससे हम पीछे वाले कमरों में खिड़की रख सकते है, कूलर लगा सकते है। इससे घर के पीछे वाले कमरों में पर्याप्त हवा और रौशनी आती रहेगी।
[खुले हिस्से को लोहे का फ्रेम तथा प्लास्टिक शीट लगाकर कवर कर सकते
है जिससे हवा और रौशनी आती रहेगी पर बारिश का पानी नहीं आ पाएगा
]
अतः हमें घर का नक्शा (MAP) बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए की घर में रोशनी और हवा पर्याप्त मात्रा में आनी चाहिए। हमें नक़्शे वाले {आर्किटेक्ट }से यह जरूर कहना चाहिए की हमे हर कमरे रसोई में खिड़की जरूर चाहिए तथा नक़्शे में यह जरूर बताये की खिड़की और दरवाजे कहा है और कितने है।
अतः हमें घर का नक्शा (MAP) बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए की घर में रोशनी और हवा पर्याप्त मात्रा में आनी चाहिए। हमें नक़्शे वाले {आर्किटेक्ट }से यह जरूर कहना चाहिए की हमे हर कमरे रसोई में खिड़की जरूर चाहिए तथा नक़्शे में यह जरूर बताये की खिड़की और दरवाजे कहा है और कितने है।
कई घरो में हम देखते की प्लाट के चारो ओर कमरे, रसोई, बाथरूम बने होते
है और बीच का भाग खुला होता है,कुछ घरो में केवल रसोई या
टॉयलेट घर के बहार या कुछ अलग होता है ग्रामीण क्षेत्रों में
अक्सर ऐसा पाया जाता है शहरों में भी कई घर ऐसे ही होते
है।
ऐसे घरो में सबसे बड़ी समस्या तब होती है जब किसी भी कारण से घर से बहार
जाना होता है उस समय हर कमरे , रसोई, बाथरूम आदि के अलग अलग ताला लगाना
पड़ता है चाबियों का बहुत बड़ा गुच्छा लेकर घूमना पड़ता है
ताला खोलते समय हर चाबी ढूंढ़नी पड़ती है की कोनसी
चाबी किस ताले की है
रसोई अगर बहार हो तो रात को सोते समय रसोई के ताला लगाना पड़ता है
ऐसे में अगर किसी को रात को रसोई से कुछ चाहिए और उसके पास रसोई की
चाबी नहीं है तो उसे बड़ी दिक्कत होती है इसके अलावा सर्दियों में भी
अगर किसी को रात को रसोई से कुछ चाहिए तो उसे सर्दी में उठ कर बहार आना
होता है। बारिश में भी ऐसी ही दिक्कत होती है।
यदि टॉयलेट बाहर हो तो भी सर्दी और बारिश में इसी तरह
की दिक्कते होती है।
अतः हमें घर का नक्शा (MAP) बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना
चाहिए की घर इस प्रकार बने की घर के सभी महत्वपूर्ण हिस्से
कमरे, रसोई, टॉयलेट, बाथरूम आदि घर के अंदर हो ताकि
रात को किसी बाथरूम , टॉयलेट , रसोई के ताला ना लगाना पड़े और बहार
जाते समय पूरा घर एक ताले से बंद हो सके।
घर में आने जाने के दो रास्ते रखें
कई घरो में देखा जाता है की घर तो बहुत अच्छा है पर उसमे आने जाने
के लिए केवल एक ही रास्ता होता है, आमतौर पर यह रास्ता बैठक वाले कमरे
में होता है जहा मेहमान आकर बैठते है।
ऐसे घर में दिक्कत तब आती है जब मेहमान बैठे हो और हमें कही जाना हो या
मेहमानो के लिए कुछ लाना हो, तब हमें मेहमानो के सामने से ही होकर जाना
और आना पड़ता है जो बिलकुल अच्छा नहीं लगता है। ऐसे में दूसरा रास्ता
बहुत काम आता है।
अगर घर का कोई सदस्य बैठक वाले कमरे में सोता है तो उसे आने जाने वालो
से बड़ी दिक्कत होती है, रात में किसी को भी बहार जाना हो उसकी
नींद जरूर ख़राब हो जाती है, कई बार घर वाले भी जरुरी काम होने पर भी
रात को बहार नहीं जाते की यार उसकी नींद ख़राब होगी सुबह देख
लेंगे।
घर में कोई कार्यक्रम (फंक्शन) हो और बैठक वाले कमरे में मेहमान बैठे
हो तो बहुत बड़ी समस्या हो जाती है, कार्यक्रम (फंक्शन) के
कारण बहुत बार अंदर बहार आना जाना होता है सामान लाना ले जाना
होता है ऐसे में मेहमानो को बहुत दिक्कत होती है ऐसे में दूसरा
रास्ता बहुत काम आता है।
इनके अलावा भी बहुत सारी दिक्कते रोजमर्रा की दिनचर्या में
होती है जो आने जाने का एक ही रास्ता होने के कारण होती
है।
अतः हमें घर का नक्शा (MAP) बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए की घर में आने
जाने के दो रास्ते हों।
छत पर जाने की सीढ़ी घर के अंदर होनी चाहिए
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घर के अंदर से सीढ़ियां |
सीढ़ियां जब बाहर होती है तो समस्या तब होती है जब घर में कोई घर का
सदस्य अकेला होता है, और उसे छत पर जाना होता है, वो छत पर नहीं
जा सकता, क्योकि अगर वो छत पर जायेगा तो निचे घर का ध्यान कोन रखेगा,
अगर उसे छत पर जाना है तो वो घर के ताला लगाकर ही जा सकता है, अगर वो
ताला नहीं लगाता तो उसका सारा ध्यान नीचे घर में ही लगा रहता है जिससे
वो छत का आनंद नहीं ले पता, अगर सीढ़ियां घर के अंदर होती तो
वो घर के दरवाजे अंदर से बंद कर के आराम से छत पर जा सकता है।
घर के सभी सदस्य अगर घर में हो तो भी वो सब एक साथ छत का
आनंद नहीं उठा सकते किसी एक को तो निचे रहना ही पड़ता है नहीं तो फिर घर
के ताला लगाकर ही छत पर जा सकते है।
छत की सीढ़ियां घर के बहार होने के कारण घर की महिलाओ को बहुत
दिक्कत होती है, क्योकि आमतौर पर महिलाएं दिन में घर में अकेली ही
होती है और सर्दियों में घर के अंदर बहुत ठण्ड होती है महिलायें
छत पर धुप में जाना चाहती है पर घर की सीढिया बाहर होने के
कारण वो घर के ताला लगाकर छत पर नहीं जा पाती। छत पर कपडे सुखाने
जाने के लिए भी वो नहीं जा पाती क्योकि आज के ज़माने में 10 मिनट के लिए
भी घर को खुला छोड़कर छत पर नहीं जाया जा सकता घर में चोरी होने का
भय रहता है।
घर का कोई सदस्य यदि सुबह जल्दी उठकर या फिर देर रात में छत पर
घूमना चाहता है तो छत की सीढ़ियां घर के बहार होने के
कारण वो घर के बाकि सदस्यों को ताले में बंद किये बिना
छत पर नहीं सकता है, अगर सीढ़ियां घर के अंदर होती तो वो आराम से
छत पर जा सकता है।
इस तरह और भी बहुत सारी दिक्कते छत की सीढ़िया घर के बाहर होने के
कारण होती है और छत किसी भी तरह से उपयोगी नहीं रह जाती और
हम छत के आनंद से वंचित हो जाते है।
अतः हमें घर का नक्शा (MAP) बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए की घर में छत पर
जाने की सीढ़ियां घर के अन्दर से ही हों जिससे हमें छत
पर जाने के लिए बार बार ताला न लगाना पड़े।
हर कमरा अलग अलग सेपरेट हो
आजकल सभी लोगो को अपना सेपरेट कमरा चाहिए होता है चाहे वो बड़े हो बुजर्ग
हो नवविवाहित जोड़े हो या बच्चे हों सभी को अपना सेपरेट कमरा चाहिए
होता है सेपरेट कमरे के अपने अलग ही फायदे होते है बच्चो का सेपरेट कमरा
हो तो वो आराम से पढ़ लिख सकते है किसी के आने जाने से उन्हें दिक्कत नहीं
होती सेपरेट कमरे का सबसे बड़ा फायदा यही होता है की यहाँ
एकांत मिलता है और कमरे में कुछ भी करने की आजादी मिलती है और उससे घर के
किसी अन्य सदस्य को कोई दिक्कत भी नहीं होती है।
कई घरो में पाया जाता है की घर के सभी कमरे या कुछ कमरे आपस में जुड़े हुए होते है एक कमरे से बहार जाना हो तो दूसरे कमरे से होकर जाना पड़ता है, ऐसे कमरे सभी कमरों के आने जाने के रास्ते में आते है और ऐसे कमरे में रहने वाले घर के सदस्य की सारी निजता (प्राइवेसी ) ख़तम हो जाती है क्योकि कोई भी कभी भी उसके कमरे में चला आता है जिससे घर के उस सदस्य को बड़ी परेशानी होती है।
इस तरह के घरो को कोई भीं पसंद नहीं करता है अगर किसी भी कारण वश यदि उस घर को बेचना पड़ता है तो कोई भी उस घर को खरीदना पसंद नहीं करता अगर कोई उस घर को खरीदता भी है तो वह उसके उचित दाम नहीं देता और ऐसे घरो को खरीदने के बाद भी लोग उन्हें तोड़कर फिर से नया बनाते है क्योकि सभी को आजकल आधुनिक सेपरेट कमरो वाला घर चाहिए होता है
अतः हमें घर का नक्शा (MAP) बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए की घर का नक्शा (MAP) इस तरह से बना हो की उस घर में जितने भी कमरे हो वो सभी सेपरेट हों।
कई घरो में पाया जाता है की घर के सभी कमरे या कुछ कमरे आपस में जुड़े हुए होते है एक कमरे से बहार जाना हो तो दूसरे कमरे से होकर जाना पड़ता है, ऐसे कमरे सभी कमरों के आने जाने के रास्ते में आते है और ऐसे कमरे में रहने वाले घर के सदस्य की सारी निजता (प्राइवेसी ) ख़तम हो जाती है क्योकि कोई भी कभी भी उसके कमरे में चला आता है जिससे घर के उस सदस्य को बड़ी परेशानी होती है।
इस तरह के घरो को कोई भीं पसंद नहीं करता है अगर किसी भी कारण वश यदि उस घर को बेचना पड़ता है तो कोई भी उस घर को खरीदना पसंद नहीं करता अगर कोई उस घर को खरीदता भी है तो वह उसके उचित दाम नहीं देता और ऐसे घरो को खरीदने के बाद भी लोग उन्हें तोड़कर फिर से नया बनाते है क्योकि सभी को आजकल आधुनिक सेपरेट कमरो वाला घर चाहिए होता है
अतः हमें घर का नक्शा (MAP) बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए की घर का नक्शा (MAP) इस तरह से बना हो की उस घर में जितने भी कमरे हो वो सभी सेपरेट हों।
इस पोस्ट में हमने घर का नक्शा किस तरह से बनाए इस बारे में कुछ विशेष जानकारी सरल शब्दों में देने की कोशिश की है। पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद्।
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