नया घर बनाने से पहले यह जरूर जान ले, नया घर कैसे बनाएं - GYAN OR JANKARI

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सोमवार, 29 जुलाई 2019

नया घर बनाने से पहले यह जरूर जान ले, नया घर कैसे बनाएं

नया घर बनाने से पहले यह जरूर जान ले/ घर बनाने  के लिए उपयोगी  जानकारी


हम सभी का सपना होता है की हमारा अपना घर हो और हम सभी अपनी मेहनत की कमाई जोड़ कर बड़ी मेहनत से घर बनाते है लेकिन  घर बनाने सम्बंदित जानकारी न होने के कारण हमारे घर में कुछ छोटी बड़ी कमियां रह जाती है जिनके कारण हमें घर बनने के बाद पछताना पड़ता है और हम अपने नए घर का पूरी तरह आनंद नहीं ले पाते। इसलिए इस पोस्ट में हम आपको कुछ छोटी छोटी ऐसी जानकारी दे रहे है जो आपके काम की हो सकती है जिससे आप भविष्य में अपना समय और पैसा बचा सकते है और जिससे आपको अपने नए घर को थोड़ा और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

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तो आइये हम घर बनाने से पहले कुछ ऐसी बातो के बारे में जान लेते है जिन्हे जान कर हम ऐसी गलतिया करने से बच सकते है और अपने नये घर का पूरी तरह से आनंद उठा सकते है।

घर के निर्माण सम्बंधित समस्याओ को हम तीन भागो में बाँट सकते है :-

  1. वे समस्याएँ जो हमें दिक्कत तो नहीं देती पर हम सोचते है की काश हमें पहले पता होता तो अच्छा होता। 
  2. वे समस्याएँ जिन्हे ठीक करने के लिए हमें फिर से पैसा खर्च करना पड़ता है तोड़ फोड़ करनी पड़ती है। 
  3. वे समस्याएँ जिनके लिए कुछ किया ही नहीं जा सकता उनके लिए फिर जीवन भर पछताना पड़ता है। 

कुछ साधारण बातें ऐसी होती है जो हमें दिक्कत तो नहीं देती पर हम घर बनने के बाद सोचते है की काश हमें पहले पता होता तो हम घर को कुछ और बेहतर बना सकते थे जैसे :-


    नया घर RCC कोलम पर बनाए 

    आजकल सभी आधुनिक घर और बहुमंजिला इमारते आरसीसी कोलम पर बनाये जाते है पर कई लोग जिन्हे इसकी जानकारी नहीं होती वे जब नया बनाते है तो वे ईटों की दीवारों पर घर खड़ा कर लेते है, इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन यदि हम अपना घर आरसीसी कोलम पर बनाते है तो इससे हमें कई फायदे होते है जैसे:- 

    घर में ज्यादा जगह होती  है

    आरसीसी  कोलम पर  घर बनाने से घर और छत का सारा भार आरसीसी  कोलम  पर आ जाता है जिससे भीतर की दीवारे हमें ज्यादा मोटी बनाने की जरुरत नहीं होती है हम एक ईट की पतली दीवारें भी घर के भीतरी हिस्से में बना सकते है इससे हमें घर के अंदर ज्यादा जगह मिलती है और हमारा घर भीतर से कुछ और ज्यादा खुला खुला लगता है।    

    हम जरुरत पड़ने पर भीतरी दिवारो को एडजस्ट कर सकते है

    जब हम आरसीसी कोलम पर घर बनाते है तो घर और छत का सारा भर आरसीसी  कोलम पर होता है जिससे भीतरी दीवारों पर घर का भार नहीं आता और भीतरी दीवारो को नहीं भी बनाए तो भी कुछ दिक्कत नहीं होती है अतः हम बनी हुई भीतरी दीवारों को हटा भी सकते है जैसे की यदि दो कमरों के बीच में एक दिवार है और हम चाहते है की बीच की दिवार को हटा कर एक बड़ा कमरा बना लिया जाय तो हम आरसीसी कोलम वाले घर में ऐसा कर सकते है हम बीच की दिवार को हटाकर एक बड़ा कमरा बना सकते है जो की साधारण घर में संभव नहीं होता है। 

    नया घर की छत आरसीसी (RCC ) की बनाए

    • हमें घर बनाते समय छत आरसीसी की बनानी चाहिए कई घरो में यह देखा जाता की घरो की छत पत्थर की पट्टियों की बनी होती है ग्रामीण क्षेत्रों में तो ज्यादातर घरो की छत पत्थर की पट्टियों की ही बनी होती है इन छतो में कई खामियां या कमियां होती है जो की इस प्रकार है :-
    • पत्थर की पट्टिया बहुत भारी होती है इन्हे लाने ले जाने तथा छत पर चढाने में बहुत दिक्कत होती है। 
    • पत्थर की पट्टियों की छत सुन्दर नहीं दिखती है । 
    • पत्थर की पट्टी यदि कहीं से कमजोर हो तो वो टूट सकती है जिससे बड़ा हादसा हो सकता है 
    • पत्थर की पट्टियों की छत यदि ठीक ढंग से न बनी हो तो बारिश में इन पट्टियों से पानी रिस्ता है जिससे बारिश के मौसम में बड़ी दिक्कत होती है। 
    • पत्थर की पट्टिया 10 से 12 फुट ही लम्बी होती है जिस कारन इनसे जयादा बड़े कमरे नहीं बनाए जा सकते। 
    • कई बार भूकंप आने पर पत्थर की पट्टिया टूट जाती है जिससे कई हादसे हो चुके है। 

    अतः हमें पत्थर की पट्टियों के स्थान पर आरसीसी की छत का प्रयोग करना चाहिए आरसीसी की छत के कई फायदे होते है जो की इस प्रकार है :-

    • आरसीसी की छत आसानी से बन जाती है और बनने के बाद सुन्दर भी दिखाती है। 
    • आरसीसी की छत को और ज्यादा सुन्दर बनाने के लिए कई काम किये जा सकते है जो की पत्थर की पट्टी वाली छत में संभव नहीं होता। 
    • आरसीसी छत में बिजली के तार के लिए पाइप डाले जाते है जिससे बिजली की तार घर में सामने नहीं दिखते और घर सुन्दर दिखाता है। 
    • आरसीसी की छतो में बारिश में लीकेज की समस्या नहीं होती है। 
    • आरसीसी में लोहे के सरियो और कंक्रीट का जल होता है जिसके कारण बड़े बड़े कमरे और हॉल भी बनाए जा सकते है। 
    • आरसीसी की छतो में जरुरत के हिसाब से छेद (HOLE ) रखकर रसोई , बाथरूम में  वेंटिलेशन बनाये जा सकते है रौशनी के लिए छत में कांच की ईटे लगाई जा सकती है 
    • आरसीसी की छत में लोहे के सरियो का जाल बिछाया जाता है जिसके कारन पुरे घर की छत एक साथ बनती और उसमे कोई जोड़ नहीं होता है और उसके टूटने का भी कोई खतरा नहीं होता। पूरी छत एक होने के कारण भूकंप से भी छत के टूटने  का कोई खतरा नहीं होता है।     


    हर कमरे का पावर स्विच गेट पर लगाए 

    आजकल सभी आधुनिक घरो और होटलो में कमरे के गेट पर भीतर की ओर कमरे का पावर स्विच लगाया जाता है जो की कमरे से बहार जाते समय कमरे की पूरी बिजली कट करने के काम आता है इससे बिजली की बहुत बचत होती है क्योकि कई बार हम कमरे से बहार जाते है तो सभी लाइटे पंखा  टीवी आदि चालू रह जाते है और जब हम एक से दो घंटे बाद वापस आते है तब तक सभी उपकरण व्यर्थ ही चालू रहते है और हमारा बिजली का बिल बढ़ता रहता है यदि दरवाजे पर ही एक पावर स्विच होता है तो हम कमरे से बहार जाते समय बिजली के सभी उपकरण एक साथ बंद कर सकते है और वापस आने पर फिर से चालू कर सकते है इससे हमारा बिजली का बिल नहीं बढ़ता है। 

    कई होटलों में तो कमरे के गेट पर ऐसा स्विच होता है, जिसमे कमरे की चाबी लगाने पर ही कमरे की लाइट चालू होती है और चाबी निकलने पर सभी लाइटें और उपकरण बंद हो जाते है।  होटलों में ऐसा स्विच इसलिए रखा जाता है क्योकि होटल में जब मेहमान आतें है तो वो बिजली की बचत का ज्यादा ध्यान नहीं रखते है वो बिजली के उपकरण चालू छोड़कर कमरे के ताला लगाकर घूमने चले जाते है और बिजली व्यर्थ ही जलती रहती है इसलिए ऐसे स्विच के कारण जब वो बाहर जाते समय कमरे के ताला लगाने के लिए चाबी स्विच में से निकलते है तो कमरे के सभी बिजली के उपकरण स्वतः ही बंद हो जाते है इससे बिजली की बहुत बचत होती है। 

    कई बार बिजली के उपकरण जब ज्यादा देर तक  तक चालू रहते है तो वो बहुत ज्यादा गर्म हो जाते है  जिससे उनके ख़राब होने या आग लगाने का भी संभावना बन जाती है इसलिए इस तरह के स्विच होटलों में सुरक्षा भी प्रदान करते है। 

    इसलिए जब हम नया घर बनाते है तो बिजली की फिटिंग कराते समय हमें भी हर कमरे का पावर स्विच (जिससे कमरे की सभी लाइट पंखा टीवी आदि एक साथ चालू बंद हों ) कमरे के गेट पर भीतर की ओर लगाना चाहिए। 

    नए घर में सूरज की भरपूर रौशनी लाने के उपाय 

    जब हम नया घर बनाते है तब हमें घर में रौशनी का पूरा ध्यान रखना चाहिए जिससे हम दिन की रौशनी का पूरा फायदा उठा सकते है घर में जब सूरज की भरपूर रौशनी आती है तब घर में स्वतः ही उमंग का वातावरण बना रहता है पर जिन घरो में सूरज की नहीं आती और अंधेरा रहता है वहां किसी भी काम में मन नहीं लगता और रौशनी के लिए दिन में भी लाइटें जलनी पड़ती है इसलिए हम घर में सूरज की रौशनी लाने के लिए के लिए कुछ उपाय कर सकते है जो की इस प्रकार हैं :-

    कांच की ईटें लगाए 

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    काँच की ईट 

    हम घर में सूरज की रौशनी लाने के लिए कांच की ईटों का प्रयोग कर सकते है। कांच की ईट का प्रयोग आजकल के आधुनिक घरो में होने लगा है कांच की ईट घर की छत और दीवारों में रौशनी के लिए लगाई जाती है इनसे सूरज की रौशनी सीधी घर में पहुँचती है। 

    कांच की ईट आमतौर पर 8 इंच गुना 8 इंच की होती है और मोटाई लगभग 5 इंच होती है इनकी कीमत 150 से 250 रूपए प्रति ईट तक होती है इन ईटों में पैटर्न बने होते है जिससे इनके आरपार कुछ दिखाई नहीं देता पर रौशनी भरपूर आती है।  कांच की ईटों को लगाने के लिए घर की छत डालने से पहले से ही प्लानिंग करनी होती है क्योकि यह छत में लगती है तो आरसीसी की छत डालते समय इन ईटों के लिए छत में जगह छोड़ी जाती है जहां फिर बाद में इन ईटों को लगाया जाता है। यह ईटे दीवारों में भी लगायी जाती है जिससे बहुत अच्छी रौशनी घर के अंदर आती है और ये देखने में भी सुन्दर लगती है। 

    खिड़की दरवाजो के ऊपर चौखट में एक्स्ट्रा रोशनदान बनवाए 

    आमतौर पर जो साधारण खिड़की दरवाजे बनाए जाते है उनमे खिड़की दरवाजो के बंद होने के बाद कोई रौशनी अंदर नहीं आती है जिससे घर में अंधेरा हो जाता है सर्दियों में और अत्यधिक गर्मी में आमतौर पर खिड़की दरवाजे बंद ही रखे जाते है जिसके कारण हमें दिन में भी लाइटे जलनि पड़ती है इसलिए हमें अपने घर के सभी खिड़की दरवाजो के ऊपर चौखट में एक्स्ट्रा रोशनदान बनवाने चाहिए जिससे की हमें खिड़की दरवाजो के बंद होने पर भी भरपूर रौशनी मिलती रहे। 

    छत की दीवारों के टोप पर स्टोन लगाए 

    जब हम नया घर बनाते है तो छत की दीवारे 3 से 4 साल बाद ख़राब होने लगती है जिससे हमारा घर पुराना दिखने लगता है लेकिन घर की छत की दीवारों के टोप पर स्टोन लगाने से वो समय के साथ ख़राब नहीं होती और हमेशा नई बनी रहती है।

    छत की दीवारों के टोप पर स्टोन लगवाते समय हमें ध्यान रखना चाहिए की दीवारों के टोप पर लगने वाला स्टोन ज्यादा महंगा ना हो। हम घर के फर्श के लिए अच्छे से अच्छा दिखने वाला स्टोन लाते है जो की बहुत महंगा होता है, पर यदि हम उसे छत की दीवारों के टोप पर लगवाते है तो खर्च काफी बढ़ सकता है अतः हमें छत की दीवारों के लिए अलग से सस्ता स्टोन लाना चाहिए।

    जब हम छत की दीवारों पर स्टोन लगवाते है तब ठेकेदार या स्टोन लगाने वाले कहते है की स्टोन की मॉर्निंग करा लो (मॉर्निंग में वो स्टोन के किनारे घिसकर गोल कर देते है जिससे स्टोन थोड़े अच्छे दिखने लगते है ), लेकिन मॉर्निंग करना बहुत महंगा होता है जिसकी रेट 40 से 60 रूपए प्रति फुट तक होती है जो की स्टोन की कीमत से भी ज्यादा हो जाती है, अतः यदि हम छत की दीवारों पर स्टोन लगवाते है तो हमें उनकी मॉर्निंग नहीं करवानी चाहिए ताकि काम खर्च में छत की दीवारों की सुरक्षा हो सके।

    कमरों में वेंटीलेटर जरूर बनवाए 

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    कमरे का वेंटिलेशन

    हमें घर बनाते समय हर कमरे के दरवाजे के ऊपर वेंटीलेटर जरूर बनाना चाहिए वेंटीलेटर बनाने से कमरे में रौशनी तो आती ही है साथ ही हवा का आदान प्रदान भी होता रहता है और कमरे में घुटन नहीं होती है। 

    कमरे में वेंटिलेशन बना होने से हम कूलर का प्रयोग बहुत अच्छे से कर सकते है। हम कूलर को कमरे की खिड़की में लगा सकते है जिससे कूलर बाहर की स्वच्छ हवा खींच कर कमरे के अंदर देता है और कमरे के खिड़की दरवाजे बंद होने के बाद भी कमरे की गर्म हवा वेंटिलेशन से बहार निकलती रहती है जिससे कमरा बहुत जल्दी ठंडा हो जाता है। 

    कुछ कमियां ऐसी होती है जिनके कारण हमें उन कमियों को ठीक करने के लिए फिर से पैसा खर्च करना पड़ता है या फिर तोड़ फोड़ करनी पड़ती है जैसे :-

     

    नया घर बनाते समय नींव में दीमक की दवाई जरूर डलवाये

    हमें नीव में दीमक की दवाई जरूर डलवानी चाहिए।  दीमक की दवाई नहीं डालने पर घर में दीमक कही से भी आ सकती है। दीमक आपके लकड़ी के फर्नीचर को ख़राब कर सकती है।  यदि आप के घर के खिड़की और दरवाजे लकड़ी के है तो दीमक उन्हें बहुत नुक्सान पंहुचा सकती है जिससे आप को उन्हें फिर से ठीक करना पड़ सकता है।  यदि आप का घर खेती की जमींन पर बना हुआ है तो दीमक की दवाई नीव में डालना बहुत ही जरुरी हो जाता है। 

     पानी के टैंक और आरसीसी की छत में वाटरप्रूफिंग जरूर करवाएं। 

    हमें पानी के टैंक और आरसीसी की छत में वाटर प्रूफिंग जरूर करानी चाहिए क्योकि इनका काम ही होता है पानी को रोकना। यदि इन दोनों में से किसी के से भी पानी रिसने लगा तो यहाँ बहुत बड़ी समस्या बन जाती है जिसे ठीक करने में बहुत पैसा  और समय खर्च होता है इसलिए हमें पानी का टैंक और छत की आरसीसी में वाटर प्रूफिंग जरूर करनी चाहिए। 

    नया घर में नल फिटिंग के बाद पानी की टंकी भर कर लीकेज चैक करे 

    जब हमारे नये घर का ढांचा खड़ा हो जाता है और नल के पाइपों की और पानी की टंकी की फिटिंग हो जाती है, तब हमें दीवारों पर प्लास्टर होने से पहले एक बार पानी की टंकी में पानी भर कर सभी नल के पाइपों का लीकेज एक बार चेक कर लेना चाहिए ताकि यदि कोई लीकेज हो तो उसका पता पहले ही चल जाये अन्यथा बाद में प्लास्टर हो जाने के बाद यदि लीकेज का पता चलता है तो हमें फिर से तोड़फोड़ करनी पड़ती है जिससे हमारा समय और पैसा दोनों व्यर्थ जाते है।  

    नया घर बनाते समय दरवाजो  की अंदर वाली कुंदी छोटे बच्चो की पहुंच से ऊपर लगाए 

    छोटे बच्चे सभी के घरो में होते है कई बार वो खेल खेल में कमरों को अंदर से बंद कर लेते है फिर वो उन्हें खोल नहीं पाते फिर हमें किसी को बुलाकर दरवाजे को तुड़वाना पड़ता है जिससे बहुत परेशानी हो जाती है इसलिए यदि घर में छोटे बच्चे है तो हमे नया घर बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की घर के सभी दरवाजो में भीतर से बंद करने वाली कुंदी बच्चो की पहुंच से ऊपर लगाए या फिर केवल एक ही कुंदी लगाए जो की दरवाजे पर सबसे ऊपर होती है। 

    इसके अलावा बाथरूम टॉयलेट की भीतर वाली कुंदी का विशेष ध्यान रखना चाहिए की वो बच्चो के पहुँच से ऊपर हो क्योंकि बाथरूम  टॉयलेट दिन में कई बार इस्तेमाल होते है तथा भीतर से बंद किये जाते है और बड़ो को देख कर बच्चे भी बाथरूम टॉयलेट भीतर से बंद करना सीख जाते है इसलिए हमें बाथरूम टॉयलेट की भीतर वाली कुंदी कम से कम  इतनी ऊपर जरूर लगनी चाहिए की वो 5 से 6 साल तक के बच्चो के हाथ न आये। 

    इसके अलावा रसोई और स्टोर रूम जैसे कमरों में भीतर से बंद करने की कोई जरुरत नहीं होती है इसलिए हमें रसोई और स्टोर रूम में भीतर से बंद करने वाली कुण्डी नहीं लगनी चाहिए। 

    सीढ़ियों पर टाइल्स ना लगाए

    हमें सीढ़ियों पर टाइल्स का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योकि टाइल्स दिखने में सुन्दर जरूर होती है लेकिन टाइल पर एक पतली परत होती है वही सुन्दर दिखती है लेकिन सीढ़ियों पर चढ़ने उतरने पर कुछ ही साल बाद वह पतली परत घिस जाती है जिससे टाइल ख़राब हो जाती है और सुन्दर नहीं दिखती और जिससे हमें फिर से सीढ़ियों का काम करना पड़ता है इसलिए सीढ़ियों पर पत्थर का ही प्रयोग करना चाहिए।

    इसके अलावा टाइल्स के किनारे तीखे होते है जिन्हे गोल नहीं किया जा सकता गोल करने पर टाइल्स ख़राब हो जाती है इसलिए सीढ़ियों पर टाइल्स लगाने पर सीढिया नुकीली हो जाती है जिससे गंभीर चोट लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। 

    कुछ गलतिया तो ऐसी होती है जिनको कुछ भी करके ठीक किया ही नहीं जा सकता उन गलतियों के लिए फिर जीवन भर पछताना पड़ता है इसलिए इन बातो का हमें विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए जैसे:- 

    नया घर बनाते समय घर की कुर्सी (प्लेटफार्म) सड़क से 6 से 7 फुट ऊंचा रखें 

    हम लोग नया घर बनाने से पहले अच्छे से अच्छा घर का नक्शा बनाते है लेकिन घर का नक्शा बनाने के बाद कई लोग घर बनाने सम्बंधित कुछ बातो पर ध्यान नहीं देते या फिर उन्हें जानकारी नहीं होती की घर किस तरह से बनाया जाना चाहिए, लोग सब कुछ घर बनाने वाले ठेकेदार या मिस्त्री के ऊपर छोड़ देते है की वो चाहे जिस तरह से घर बनाए यह उसकी इच्छा पर होता है।

    कई लोग नया घर बनाते समय सड़क के लेवल पर ही घर की कुर्सी (प्लेटफार्म) रख लेते है या फिर घर तो थोड़ा ऊंचा बना लेते है पर घर के अलावा खाली पड़ी जगह को सड़क के लेवल पर ही छोड़ देते है जिसके कारण उन्हें बाद में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो की इस प्रकार है:-

    सड़कें हर 5 से 6 साल में नई बनती रहती है और जब भी सड़क नई बनती है तो सड़क का लेवल पहले की तुलना में 8 से 10 इंच तक ऊंचा जाता है जिसके कारण यदि हमारा घर जो की सड़क के लेवल पर होता है वो नई सड़क से नीचे हो जाता है।  जब भी बारिश आती है तो घर में पानी इक्कठा होने लगता है यहाँ तक की सड़क का पानी भी घर में आने लगता है और जिस घर में किसी भी तरह से पानी जमा होने लगता है उस घर में बारिश के मौसम में तो समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ता है आने जाने में दिक्कते होती है पानी निकालने के लिए रोज जूझना पड़ता है चारो तरफ घर में सीलन आने लगती है जिसके कारण वो घर रहने लायक नहीं रह जाता, उस घर को छोड़ना ही पड़ता है या फिर हर साल पानी भरने की समस्या से जूझना पड़ता है। 

    घर जब सड़क के लेवल पर होता है तो घर के ड्रेनेज पाइप भी उसी लेवल पर होते है। नई सड़क बनने पर ड्रेनेज पाइप भी सड़क से निचे रह जाते है जिसके कारण फिर घर के निकास का पानी घर के बहार नहीं जा पाता वो घर में ही जमा होने लगता है। बारिश के समय तो और ज्यादा दिक्कते होती है सड़को का नालियों का गन्दा पानी पाइपों के जरिए घर में आने लगता है घर में चारो तरफ गन्दगी हो जाती है घर में पानी भर जाता है 

    घर जब सड़क के लेवल पर होता है तो घर के पानी के टैंक भी उसी लेवल पर होते है जिस कारण बारिश में जब पानी भरता है तो वो गन्दा सड़क का पानी के टैंक में चला जाता है फिर उस टैंक को साफ़ किये बिना उपयोग नहीं किया जा सकता है इस तरह जितनी बार बारिश का पानी भरता है उतनी बार पानी का टैंक साफ़ करना पड़ता है। 

    हर शहर या गांव में कुछ इलाके ऐसे होते है जो बाकि क्षेत्रों से निचे होते है ऐसी जगहों पर थोड़ी सी मूसलाधार बारिश होते ही पानी भर जाता है, आसपास के क्षेत्रों का पानी भी वही आकर जमा हो जाता है अगर ऐसी जगह पर किसी का प्लाट है और वो वह घर बनाना चाहता है तो उसे अपना घर  की कुर्सी सड़क से 6 से 7 फ़ीट ऊपर ही बनानी चाहिए।

    जिन घरो में सड़क से निचे होने के कारण पानी भरने की समस्या हो जाती है उन घरो में रहना बहुत मुश्किल हो जाता है, पानी भरने की समस्या हर साल की हो जाती है ऐसे घरो को जब बेचना पड़ता है तो घर का कोई मूल्य नहीं मिलता केवल जमीन का ही मूल्य मिलता है। 

    अतः हमें नया घर बनाते समय घर की कुर्सी सड़क के लेवल से 6 से 7 फ़ीट ऊपर रखनी चाहिए जिससे हमें इन सभी समस्याओ का सामना नहीं करना पड़े। 

    कुछ विशेष ध्यान रखने योग्य बातें 

    जब हम नया घर बनाते है तब हमे देखते है की सभी ठेकेदार कारीगर मजदूर अपना अपना काम कर रहे है और हमारा ध्यान केवल बिल्डिंग मटेरियल लाने पर ही लगा रहता है पर हमें उस समय कुछ बातो पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है जो की इस प्रकार है :-

    ड्रेनेज पाइपों की फिटिंग होने पर पाइपों का ढलान और पानी का फ्लो चेक करे 

    जब घर में  ड्रेनेज पाइपों की फिटिंग हो चुकी होती है तब हमें पाइपों के सीमेंट में फिक्स होने से पहले उनमे पानी डाल कर पाइपों का ढलान और पानी का फ्लो अवश्य चेक कर लेना चाहिए ताकि यदि पाइपों के ढलान में  कुछ दिक्कत हो तो उससे समय रहते ठीक किया जा सके अन्यथा एक बार सीमेंट में फिक्स हो जाने के बाद कुछ भी नहीं किया जा सकता है और फिर जैसे जैसे काम पूरा होता जाता है उस खराबी को ठीक करना उतना ही महंगा पड़ता जाता है। 

    नए घर के ड्रेनेज में  6 इंच व्यास वाले पाइप का प्रयोग करें  

    नया घर बनाते समय ड्रेनेज पाइप के साइज का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कई लोग खर्च कम करने के लिए 3 या 4 इंच व्यास वाले पाइप का प्रयोग करते है जिससे उन्हें बाद में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योकि 3 और 4 इंच के पाइप बहुत पतले होते है ये कचरा  फसने से बहुत जल्दी जाम हो जाते है  जिन्हे साफ़ करने के लिए बहुत समय और पैसा खर्च होता है इसलिए हमें अपने नए घर के ड्रेनेज में 6 इंच व्यास वाले पाइप लगाने चाहिए जिससे पानी आसानी से बहता है और पाइप जाम नहीं होते। 

    इस पोस्ट में हमने पूरी कोशिश की है की हम आपको घर बनाने सम्बंधित कुछ विशेष जानकारी सरल शब्दों में दे सकें, यदि आपको यह जानकारी पसंद आयी तो इसे अपने मित्रो के साथ जरूर शेयर करें।