श्री गणेश जी की आरती
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श्री गणेशाय नमः |
जै गणेश जय गणेश जै गणेश देवा || टेक ||
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा |
लडुअन को भोग लगे संत करें सेवा || जै ||
एक दन्त दयावन्त चार भुजाधारी |
माथे सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी || जै ||
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया |
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया || जै ||
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा |
सूरदास शरणे आया सुफल कीजै सेवा ||
जै गणेश जय गणेश जै गणेश देवा|| - ||इति||