फ्लोरीन (Fluorine) गैस के गुण, उपयोग और रोचक जानकारी Fluorine in Hindi - GYAN OR JANKARI

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बुधवार, 3 मार्च 2021

फ्लोरीन (Fluorine) गैस के गुण, उपयोग और रोचक जानकारी Fluorine in Hindi

फ्लोरीन (Fluorine) गैस के गुण, उपयोग और रोचक जानकारी Fluorine in Hindi


फ्लोरिन क्या है (What is Fluorine)

फ्लोरिन (Fluorine) एक गैस है, इसका वर्गीकरण अधातु (Non-Metal) के रूप में किया जाता है, फ्लोरिन आवर्त सरणी के ग्रुप 17 में स्थित होता है, इस ग्रुप से सभी तत्वों को हैलोजन (Halogen) कहा जाता है। रासायनिक रूप से फ्लोरिन एक तत्व है। फ्लोरिन का परमाणु भार 18.9984 AMU, परमाणु संख्या 9 तथा इसका सिंबल (F) होता है। आवर्त सारणी (Periodic Table) में फ्लोरिन, ग्रुप 17, पीरियड 2 और ब्लॉक (P) में स्थित होता है। इसके परमाणु में 9 इलेक्ट्रान, 9 प्रोटोन, 10 न्यूट्रॉन तथा 2 एनर्जी लेवल होते है। फ्लोरिन का घनत्व 1.696 ग्राम प्रति 1000 घन सेंटीमीटर होता है। फ्लोरिन सामान्य तापमान पर गैस अवस्था में पायी जाती है, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) माइनस 219.62 डिग्री सेल्सियस (माइनस 363. 32 डिग्री फेरेनाइट) होता है तथा इससे कम तापमान पर फ्लोरिन गैस ठोस अवस्था में पायी जाती है। इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) माइनस 188.12 डिग्री सेल्सियस (माइनस 306.62 डिग्री फेरेनाइट) होता है। 

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Fluorine Gas in Hindi

  • फ्लोरिन की खोज हेनरी मोइसन (Henri Moissan) ने 1886 में की थी।


फ्लोरिन (Fluorine) गैस के गुण (Properties of Fluorine in Hindi)

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Fluorine Gas Properties in Hindi

  • फ्लोरीन हलके पिले-हरे रंग की खतरनाक रूप से प्रतिक्रियाशील गैस है।  
  • फ्लोरीन गैस में एक तीक्ष्ण गंध होती है, जिससे इसकी अल्प मात्रा का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। 
  • फ्लोरीन सर्वाधिक इलेक्ट्रोनेगेटिव तत्व है, इसका अर्थ है की फ्लोरीन अन्य इलेक्ट्रान को अपनी तरफ आकर्षित करता है। 
  • फ्लोरीन बहुत अधिक संक्षारक (Corrosive) गैस होती  है। 
  • फ्लोरीन गैस रासायनिक रूप से सभी तत्वों में सबसे अधिक सक्रीय तत्व है, यह इतना अधिक प्रतिक्रियाशील होती है की यह कुछ निष्क्रिय गैसें जैसे क्रिप्टॉन, रेडॉन, जीनॉन (Xenon)  के साथ भी प्रतिक्रिया कर सकती है।  
  • फ्लोरीन गैस सभी मेटलस के साथ प्रतिक्रिया करती है जिससे वे जलने लगते है, जैसे स्टीलवूल (स्टील के बारीक़ तारों का समूह) फ्लोरिन गैस के संपर्क में आने पर तुरंत उच्च तापमान पर जलने लगता है। 
  • फ्लोरिन गैस के संपर्क में आने पर कई तत्व जलने लगते है, जैसे सल्फर फ्लोरिन के संपर्क में आने पर तुरंत तेज चमकदार सफ़ेद-नीली लौ के साथ जलने लगता है। 
  • कई प्राकृतिक उत्पाद जैसे कपास, कोयला आदि फ्लोरिन गैस के संपर्क में आते ही तुरंत जलने लगते है। 
  • पानी के संपर्क में आने पर फ्लोरीन, ऑक्सीजन गैस और हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड (HF) का निर्माण करती है।



फ्लोरिन (Fluorine) गैस के उपयोग (Uses of Fluorine in Hindi)

  • फ्लोरीन एक बहुत अधिक सक्रीय और खतरनाक तत्व है, इसलिए शुद्ध फ्लोरीन के उपयोग बहुत ही सिमित हैं।   
  • फ्लोरीन का उपयोग यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड के उत्पादन में किया जाता है, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा उद्योग में यूरेनियम के आइसोटोप्स को अलग करने के लिए किया जाता है। 
  • फ्लोरीन का उपयोग सल्फर हेक्साफ्लोराइड बनाने के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग उच्च शक्ति विधुत ट्रांसफार्मर में इंसुलेटिंग गैस के रूप में किया जाता है। 
  • फ्लोरीन का उपयोग उच्च तापमान पर कार्य करने वाली प्लास्टिक टेफ़लोन के निर्माण में किया जाता है, टेफ़लोन का अधिकतर उपयोग बर्तनों पर किया जाता है जिससे इन पर खाना चिपकता नहीं है। 
  • फ्लोराइड जो फ्लोरीन से बनने वाले यौगिक होते है, इनके कुछ उपयोग होते है। फ्लोराइड को पिने के पानी की आपूर्ति में प्रति दस लाख और एक के अनुपात में मिलाया जाता है, अल्प मात्रा में फ्लोराइड दांतो के क्षय को रोकता है और हड्डियों को मजबूत करता है, जबकि अधिक मात्रा में फ्लोराइड दांतो की सड़न, हड्डियों, नसों और किडनी की बीमारियों का कारण बनता है। 
  • फ्लोराइड का उपयोग टूथपेस्ट में किया जाता है। 
  • फ्लोरीन से बनने वाले हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड (HF) का उपयोग कांच पर नक्काशी करने के लिए किया जाता है। 
  • तरल फ्लोरीन का उपयोग रॉकेट ईंधन में किया जाता है। 


फ्लोरिन (Fluorine) गैस की रोचक जानकारी 

  • फ्लोरीन पृथ्वी की पपड़ी में 13वॉ सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है।  
  • फ्लोरिन गैस रासायनिक रूप से सबसे अधिक सक्रीय तत्व है, इसलिए यह प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती। कोई भी रासायनिक पदार्थ फ्लोरिन को उसके यौगिकों से मुक्त करवाने में सक्षम नहीं है, इसलिए वैज्ञानिको के लिए शुद्ध फ्लोरिन गैस प्राप्त करना अत्यंत कठिन कार्य होता है
  •  सामान्य व्यक्ति के शरीर में लगभग 3 ग्राम फ्लोराइड होता है।
  •  फ्लोरीन से बनने वाला हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड (HF) काँच को गला (Dissolve ) देता है। 
  • कार्बन के साथ मिलकर फ्लोरीन क्लोरोफ्लोरोकार्बन यौगिक बनाता है, जिसका उपयोग एयरकंडीशनर और रेफ्रिजरेटर में किया जाता था, लेकिन इससे पृथ्वी की ओजोन परत को होने वाले नुक्सान के कारण आजकल इसका उपयोग नहीं किया जाता। 
  • पुखराज (Topaz) रत्न में फ्लोरीन पाया जाता है।  
  • शुद्ध फ्लोरीन गैस मनुष्यों के लिए विषाक्त होती है।