टेल्यूरियम (Tellurium) के गुण उपयोग जानकारी Tellurium in Hindi
टेल्यूरियम (Tellurium) का परिचय
टेल्यूरियम (Tellurium) का वर्गीकरण उपधातु (Metalloid) के रूप में किया जाता है, तथा रासायनिक रूप से टेल्यूरियम एक तत्व है। उपधातु (Metalloid) ऐसे तत्व होते है जो धातु और अधातु दोनों के गुण प्रदर्शित करते है। टेल्यूरियम सामान्य तापमान पर ठोस अवस्था में पाया जाता है, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) 449.51 डिग्री सेल्सियस (841.12 डिग्री फेरेनाइट) होता है, तथा इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) 988 डिग्री सेल्सियस (1810 डिग्री फेरेनाइट) होता है, इससे अधिक तापमान पर टेल्यूरियम, गैस अवस्था में पाया जाता है। टेल्यूरियम का घनत्व 6.232 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। टेल्यूरियम का सिंबल Te, परमाणु संख्या 52 और परमाणु भार 127.60 amu होता है। टेल्यूरियम के परमाणु में 52 इलेक्ट्रान, 52 प्रोटॉन, 76 न्यूट्रॉन और 5 एनर्जी लेवल होते है, तथा आवर्त सारणी (Periodic Table) में टेल्यूरियम, ग्रुप 16, पीरियड 5 और ब्लॉक् (P) में स्थित होता है।
टेल्यूरियम की खोज रोमानियन खनन अधिकारी फ्रांज-जोसेफ मुलर वॉन रीचेंस्टीन (Franz Joseph Müller von Reichenstein) ने 1782 में की थी।
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Tellurium in Hindi |
टेल्यूरियम (Tellurium) के गुण
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Tellurium Properties in Hindi |
- टेल्यूरियम सिल्वर-ग्रे रंग का क्रिस्टलीय चमकदार ठोस पदार्थ होता है।
- टेल्यूरियम बहुत कठोर नहीं होता है तथा आसानी से टूट जाता है। आमतौर पर यह ग्रे रंग के पाउडर के रूप में उपलब्ध होता है।
- टेल्यूरियम अत्यंत विषैला और टेराटोजेनिक (Teratogenic) पदार्थ होता है, अर्ताथ यह भ्रूण के विकास को बाधित करता है, इसलिए इसे अत्यंत सावधानी के साथ संभाला जाना चाहिए।
- टेल्यूरियम ऊष्मा का कुचालक और विधुत का मध्यम सुचालक होता है।
- हवा की उपस्थिति में टेल्यूरियम को जलाने पर यह नीली-हरी लौ के साथ जलता है, तथा टेल्यूरियम डाई-ऑक्साइड बनाता है।
- टेल्यूरियम में स्वर्ण (Gold) के साथ जुड़ने का असाधारण गुण होता है, स्वर्ण और टेल्यूरियम से बनने वाले यौगिक को गोल्ड टेल्यूराइड कहा जाता है, पृथ्वी पर पाया जाने वाला अधिकांश स्वर्ण गोल्ड टेल्यूराइड के रूप में पाया जाता है।
- टेल्यूरियम पानी और हाइड्रोक्लोरिक एसिड से अप्रभावित होता है जबकि यह नाइट्रिक एसिड और अम्लराज (Aqua Regia) में घुल जाता है।
- टेल्यूरियम हैलोजन्स (फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन और आयोडीन) से प्रतिक्रिया करके हैलाइड बनाता है, तथा उच्च तापमान पर अधिकांश धातुओं मिलकर टेल्यूराइड बनाता है।
टेल्यूरियम (Tellurium) के उपयोग
- कुल उत्पादित टेल्यूरियम के अधिकांश भाग का उपयोग मिश्र धातु बनाने में किया जाता है। टेल्यूरियम को अधिकतर स्टील, तांबा और स्टैनलैस स्टील में मिलाया जाता है, जिससे धातुओं की मशिनेब्लिटी में सुधार होता है।
- टेल्यूरियम एक सेमीकंडक्टर है, इसलिए इसे टिन, तांबे, सोने या चांदी के साथ डोप किया जाता है।
- लेड धातु में टेल्यूरियम मिलाने से सल्फ्यूरिक एसिड के प्रति इसकी स्ट्रेंथ और प्रतिरोध क्षमता में सुधर होता है।
- रबर के वल्कनाइजेशन में भी टेल्यूरियम का उपयोग किया जाता है।
- टेल्यूरियम का उपयोग कांच और सिरेमिक को टिंट करने के लिए किया जाता है।
- टेल्यूरियम का उपयोग सोलर सेल में किया जाता है।
- टेल्यूरियम का उपयोग फोटोकॉपी मशीन, लेजर प्रिंटर तथा री-राइटेबल सीडी और डीवीडी के निर्माण में किया जाता है।
- तेल शोधन उद्योग में टेल्यूरियम का उपयोग उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
- इंफ्रारेड डिटेक्शन सिस्टम में टेल्यूरियम, केडमियम और पारे का एक यौगिक उपयोग किया जाता है।
टेल्यूरियम (Tellurium) की रोचक जानकारी
- पृथ्वी की पपड़ी में टेल्यूरियम 77 वॉ सबसे प्रचुर तत्व है।
- टेल्यूरियम की बहुत कम मात्रा भी हवा के संपर्क में आने पर लहसुन जैसी गंध उत्पन्न करती है, इस हवा में सांस लेने से सांस और तंत्रिका तंत्र सम्बंधित रोग हो सकते है जैसे सरदर्द, सांस में हर समय लहसुन की गंध आना, उनींदापन, मुँह में धातु का स्वाद, जी मिचलाना, पेटदर्द आदि।
- अधिकतर टेल्यूरियम का उत्पादन ताँबे के इलेक्ट्रोलाइटिक शोधन से प्राप्त एनोड-मड से किया जाता है, इस मड में लगभग 8 से 10 प्रतिशत टेल्यूरियम होता है। इसके अलावा सीसा (Lead) शोधन की धूल से भी टेल्यूरियम प्राप्त किया जाता है।
- टेल्यूरियम की धूल हवा में विस्फोटक मिश्रण बनाती है।