रीनियम (Rhenium) के गुण उपयोग जानकारी Rhenium in Hindi - GYAN OR JANKARI

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शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

रीनियम (Rhenium) के गुण उपयोग जानकारी Rhenium in Hindi

रीनियम (Rhenium) के गुण उपयोग और रोचक जानकारी Rhenium in Hindi


रीनियम (Rhenium) का परिचय 

रीनियम (Rhenium) धातु का वर्गीकरण ट्रांजीशन मेटल (Transition Metal) के रूप में किया जाता है, तथा रासायनिक रूप से रीनियम एक तत्व है। रीनियम का घनत्व 20.8 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। रीनियम धातु का परमाणु भार 186.207 AMU, परमाणु संख्या 75 तथा इसका सिंबल (Re) होता है। आवर्त सारणी (Periodic Table) में रीनियम, ग्रुप 7, पीरियड 6 और ब्लॉक (D) में स्थित होता है, तथा इसके परमाणु में 75 इलेक्ट्रान, 75 प्रोटोन, 111 न्यूट्रॉन तथा 6 एनर्जी लेवल होते है। सामान्य तापमान पर रीनियम धातु ठोस अवस्था में पाया जाता है, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) 3186 डिग्री सेल्सियस (5767 डिग्री फेरेनाइट) और इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) 5590 डिग्री सेल्सियस (10094 डिग्री फेरेनाइट) होता है, तथा इससे अधिक तापमान पर रीनियम धातु गैस अवस्था में पायी जाती है। 


रीनियम धातु की खोज जर्मन केमिस्ट इडा टैके-नोडैक, वाल्टर नोडैक और ओटो कार्ल बर्ग (Ida Tacke-Noddack, Walter Noddack and Otto Carl Berg) ने 1925 में की थी।

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Rhenium in Hindi

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रीनियम (Rhenium) धातु के गुण 

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Rhenium properties in Hindi

  • रीनियम सिल्वर रंग की चमकदार धातु है। 
  • रीनियम धातु का क्वथनांक (उबलने का तापमान) सभी तत्वों में सबसे अधिक होता है, जबकि सभी तत्वों में इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) कार्बन और टंगस्टन के बाद तीसरा सबसे अधिक होता है। 
  • रीनियम अत्यंत मजबूत और डक्टाइल धातु है। 
  • सामान्य परिस्थितियों में रीनियम धातु की जंक प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है, परन्तु नमी युक्त हवा के संपर्क में आने पर इस पर जंक लग जाती है। 
  • अधिकांश धातुएँ अत्यधिक तापमान पर बार-बार गर्म करने पर भंगुर होकर टूट जाती है, जबकि रीनियम के साथ ऐसा नहीं होता, यह धातु उच्च तापमान पर बार-बार गर्म करने पर भी अपनी मजबूती बनाए रखती है। 
  • रीनियम धातु की विधुत और ऊष्मा सुचालकता बहुत अच्छी होती है। 
  • रीनियम उत्प्रेरक विषाक्तता के लिए अत्यंत प्रतिरोधी होते है। 


रीनियम (Rhenium) धातु  के उपयोग 

  • रीनियम का सबसे अधिक उपयोग सुपर-एलायस (Superalloys) के उत्पादन में किया जाता है, सुपर-एलाय ऐसे मिश्र धातु होते है, जो अत्यंत उच्च तापमान पर भी अपना आकार और मजबूती बनाए रखते है।   
  • रीनियम का गलनांक बहुत अधिक होता है, इसलिए इसका उपयोग उपयोग जेट इंजिन, रॉकेट मोटर, गैस टरबाइन आदि के ब्लेड्स और पार्ट्स बनाने के लिए किया जाता है। 
  • रीनियम का उपयोग थर्मोकपल (Thermocouple) में किया जाता है, थर्मोकपल के द्वारा 2000 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान मापा जाता है। 
  • हाई ऑक्टेन हाइड्रोकार्बन के उत्पादन के लिए कैटेलिसिस में  रीनियम और प्लैटिनम मिश्रधातु का उपयोग किया जाता है। 
  • रीनियम का उपयोग विधुत संपर्क सामग्री के रूप में किया जाता है। 
  • रीनियम और मॉलिब्डेनम मिश्रधातु का उपयोग ओवन फिलामेंट और एक्सरे मशीनों में किया जाता है। 
  • रीनियम का उपयोग फोटोग्राफी के लिए फ्लैश लैंप में और मास स्पेक्ट्रोग्राफ और आयन गेज में फिलामेंट्स के लिए किया जाता है। 
  • रीनियम उत्प्रेरक का उपयोग पेट्रोलियम शोधन में किया जाता है। 


रीनियम (Rhenium) धातु की रोचक जानकारी 

  • पृथ्वी की पपड़ी में रीनियम 81 वॉ सबसे प्रचुर तत्व है। 
  • रीनियम धातु को मोलिब्डेनम और तांबा धातुओं के शोधन के दौरान एक उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त किया जाता है, इसके अलावा  मोलिब्डेनम स्मेल्टर्स की ग्रिप डस्ट से निष्कर्षण द्वारा भी रीनियम का उत्पादन किया जाता है। 
  •  रेनियम-मोलिब्डेनम मिश्र धातु 10K के तापमान पर सुपरकंडक्टर होते है।