अमोनिया (Ammonia) के गुण उपयोग और अन्य जानकारी Ammonia in Hindi - GYAN OR JANKARI

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रविवार, 12 दिसंबर 2021

अमोनिया (Ammonia) के गुण उपयोग और अन्य जानकारी Ammonia in Hindi

अमोनिया (Ammonia) के गुण उपयोग और अन्य जानकारी Ammonia in Hindi


अमोनिया क्या है (What is Ammonia)

अमोनिया (Ammonia) एक गैस है जिसकी एक विशिष्ट और तीखी गंध होती है, यह नाइट्रोजन और हाइड्रोजन से बना एक रासायनिक यौगिक होता है, इसका रासायनिक सूत्र NH3 होता है, अर्ताथ अमोनिया के एक अणु में नाइट्रोजन का एक परमाणु और हाइड्रोजन के 3 परमाणु होते है। अमोनिया एक बिल्डिंग-ब्लॉक केमिकल है, इसलिए यह कई उत्पादों के निर्माण में एक प्रमुख घटक होता है। यह प्राकृतिक रूप से हवा, मिट्टी, पानी और पुरे वातावरण में पाया जाता है, इसके अलावा यह सभी पेड़ पौधों, जानवरों और मनुष्यों  के शरीर में भी प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।  

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Ammonia in Hindi

अमोनिया के गुण (Properties of Ammonia)

  • अमोनिया एक रंगहीन गैस है, जिसकी बहुत तेज गंध होती है, जो पसीने या मूत्र की गंध के समान प्रतीत होती है।  
  • अमोनिया का गलनांक (Melting Point) -78 डिग्री सेल्सियस होता है, अर्तात -78 डिग्री सेल्सियस से कम के तापमान पर अमोनिया गैस ठोस अवस्था में पायी जाती है। इसका क्वथनांक (Boiling Point) -33.3 डिग्री सेल्सियस होता है, अर्ताथ -33.3 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर अमोनिया गैस तरल अवस्था से ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।  
  • तरल अवस्था में अमोनिया गैस रंगहीन तरल के रूप में दिखाई देती है, जबकि ठोस अवस्था में यह सफ़ेद क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ के रूप में परिवर्तित हो जाती है।  
  • अमोनिया गैस का घनत्व 0.730 किलोग्राम प्रति घन मीटर होता है।  
  • अमोनिया गैस पानी में बहुत तेजी से घुल जाती है और अमोनियम हाइड्रोऑक्साइड सोल्युशन बनाती है, इस सोल्युशन को छूने से यह त्वचा को गंभीर रूप जला सकता है।  
  • अमोनिया गैस कुछ हद तक ज्वलनशील होती है, परन्तु यह आसानी से नहीं जलती, अमोनिया गैस के जलने पर नाइट्रोजन गैस और जल वाष्प बनता है।  
  • अमोनिया गैस के जलने पर हलके पिले-हरे रंग की लौ निकलती है।   
  • अमोनिया स्वास्थ्य के लिए हानिकारक गैस है, हवा में अमोनिया की उच्च सांद्रता के संपर्क में आने पर आंखों, नाक, गले और श्वसन पथ में तत्काल जलन होने लगती है, और इसके परिणामस्वरूप अंधापन, फेफड़े की क्षति या मृत्यु भी हो सकती है। 
  • अमोनिया एक संक्षारक गैस होती है, इसके संपर्क में आने पर लोहा, स्टील, तांबा, पीतल और जस्ता जैसी धातुओं में बहुत जल्दी जंग लग जाती है। 
  • सभी अल्कली मेटल्स (Alkali मेटल्स) और कुछ एल्कलाइन अर्थ मेटल (Alkaline Earth Metal) बड़ी आसानी से तरल अमोनिया में घुल जाते है, जिससे  नीले रंग घोल बनता है। 


अमोनिया के उपयोग (Uses of Ammonia)

  • अमोनिया का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग कृषि में होता है, कुल उत्पादित अमोनिया के 85 प्रतिशत से अधिक का उपयोग अमोनियम नाइट्रेट नामक उर्वरक बनाने के लिए किया जाता है। अमोनियम नाइट्रेट पौधों को नाइट्रोजन उपलब्ध कराता है, नाइट्रोजन फसलों और बढ़ते पौधों के लिए एक अत्यंत आवश्यक पोषक तत्व होता है।
  • अमोनिया गैस को पानी में मिलाकर अमोनियम हाइड्रोऑक्साइड सोल्युशन बनाया जाता है, यह कई घरेलू सफाई के उत्पादों में एक महत्वपूर्ण घटक होता है, जिनका उपयोग व्यापक रूप से फर्श, सिंक, बाथरूम, टॉयलेट, काउंटरटॉप्स, काँच और टाइलों सहित विभिन्न सतहों को साफ करने के लिए किया जाता है।
  • टेक्सटाइल इंडस्ट्री में अमोनिया का उपयोग नाइलॉन और रेयॉन जैसे कृतिम फाइबर के उत्पादन में किया जाता है। 
  • एयर कंडीशनिंग उपकरणों में अमोनिया का उपयोग रेफ्रिजरेंट गैस के रूप में किया जाता है।  
  • अमोनिया का उपयोग व्यवसायिक विस्फोटक जैसे TNT, नाइट्रोग्लिसरीन और नाइट्रोसेल्यूलोस के उत्पादन में किया जाता है। 
  • पीने के पानी में मिलाए गए कीटाणुशोधक क्लोरीन की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए अमोनिया का उपयोग किया जाता है।
  • अमोनिया का उपयोग कई तरह के प्लास्टिक, कीटनाशक और रंगों के उत्पादन में किया जाता है। 
  • फर्मेन्टेशन उद्योग में अमोनिया का उपयोग नाइट्रोजन के स्रोत के रूप में और PH को बैलेंस रखने के लिए किया जाता है। 
  • अमोनिया का उपयोग कई तरह से हानिकारक गैसीय उत्सर्जन के उपचार में किया जाता है जैसे, जीवाश्म इंधनो के जलने पर सल्फर-डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें बनती है, जिसको साफ़ करने के लिए अमोनिया का उपयोग किया जाता है।सल्फर-डाईऑक्साइड और अमोनिया की प्रतिक्रिया होने पर अमोनियम सल्फेट बनता है, जो की एक उर्वरक होता है, तथा नाइट्रोजन-ऑक्साइड और अमोनिया की प्रतिक्रिया होने पर नाइट्रोजन और जल वाष्प बनता है। 
  • वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट उद्योग, रबर उद्योग, पेपर उद्योग तथा चमड़ा उद्योग में अमोनिया का उपयोग स्टेब्लाइजर के रूप में तथा नाइट्रोजन के स्रोत के रूप में किया जाता है। 
  • अमोनिया का उपयोग नाइट्रिक एसिड, सोडा ऐश और डाई के उत्पादन में किया जाता है। 
  • ईंधन के रूप में अमोनिया एक स्वच्छ ईंधन है, क्योकि इसके द्वारा ग्रीन हाउस गैसों का उत्पादन नहीं होता, परन्तु अन्य ईंधनों की तुलना में यह उतना शक्तिशाली नहीं होता तथा इससे ऊर्जा प्राप्त करना भी कठिन होता है। अमोनिया को ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए प्रयास किया जा रहें है, इसके लिए अमोनिया से हाइड्रोजन को अलग किया जाता है, जिसका उपयोग  हाइड्रोजन फ्यूल सेल से विधुत उत्पादन के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा प्रायोगिक रूप से कुछ छोटे रॉकेटों में अमोनिया का उपयोग सीधे ईंधन के रूप में किया गया है। 
  • खाद्य उत्पादों के लिए रोगाणुरोधी एजेंट के रूप में भी अमोनिया का उपयोग किया जाता है। 
  • फार्मासूटिकल इंडस्ट्री में अमोनिया का उपयोग कई तरह की मेडिसिन, विटामिन और कॉस्मेटिक बनाने में किया जाता है। 


अमोनिया का उत्पादन (Production of Ammonia) 

व्यवसायिक रूप से अमोनिया का उत्पादन हैबर प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। इसके लिए 1 : 3 के अनुपात में शुष्क नाइट्रोजन और हाइड्रोजन गैसों के मिश्रण को 450 से 500 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर गर्म करके, 200 से 300 एटीएम (वायुमंडलीय प्रेशर) के दबाव पर कंप्रेस करके लोहे के उत्प्रेरक के ऊपर से गुजरा जाता है, लोहे के उत्प्रेरक के साथ एलुमिनियम-ऑक्साइड और पोटेशियम-ऑक्साइड मिलाया जाता है, जो प्रमोटर के रूप में कार्य करते है। इस प्रक्रिया से अमोनिया गैस का निर्माण होता है, जिसे द्रवीभूत करके अलग कर लिया जाता है। 


अन्य जानकारी (Othar information) 

  • दुनिया का लगभग 50 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन अमोनिया से बने उर्वरकों पर निर्भर करता है। 
  • दुनिया में अधिकतर अमोनिया का उत्पादन हैबर प्रक्रिया के द्वारा किया जाता है, यह प्रक्रिया 500 डिग्री सेल्सियस के तापमान और अति उच्च दबाव पर पूरी की जाती है, इस प्रक्रिया के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए दुनिया की ऊर्जा खपत का 2 प्रतिशत हिस्सा अमोनिया उत्पादन में खर्च हो जाता है। 
  • अमोनिया उत्पादन की प्रक्रिया दुनिया में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को उत्पन्न करने वाले सबसे बड़े कारणों में से एक है, क्योकि अमोनिया उत्पादन के लिए जितनी ऊर्जा की खपत होती है, उस ऊर्जा को उत्पन्न करने के दौरान बहुत अधिक कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है, इसके अलावा इस प्रक्रिया के लिए उपयोग में आने वाली हाइड्रोजन, प्राकृतिक गैस या तेल से उन प्रक्रियाओँ द्वारा प्राप्त की जाती है, जिनसे कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है। कार्बन डाई ऑक्साइड गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए वैज्ञानिक अक्षय ऊर्जा के माध्यम से अमोनिया का उत्पादन करने और जीवाश्म ईंधन के बिना हाइड्रोजन को उत्पन्न करने के लिए काम कर रहे है। 
  • हमारे शरीर में प्रोटीन के पाचन के दौरान एमिनो एसिड्स और अपशिष्ट पदार्थ के रूप में अमोनिया बनता है, हमारा शरीर अमोनिया को यकृत में संसाधित करके यूरिया नाम के अन्य अपशिष्ट उत्पाद में बदल देता है, जिसके बाद इसे मूत्र में माध्यम से शरीर से बहार निकाल दिया जाता है। 


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