सल्फर डाई ऑक्साइड के गुण उपयोग और अन्य जानकारी Sulfur dioxide in Hindi
सल्फर डाई ऑक्साइड क्या है (What is Sulfur dioxide)
सल्फर डाई ऑक्साइड एक यौगिक है, इसका रासायनिक सूत्र SO2 है, इसके एक अणु में सल्फर का एक परमाणु और ऑक्सीजन के दो परमाणु होते है। सल्फर डाई ऑक्साइड एक अत्यंत विषैली गैस होती है। इसका निर्माण मुख्य रूप से सल्फर के जलने और ज्वालामुखी गतिविधियों के कारण होता है। इसके अलावा तांबा धातु के निष्कर्षण के समय और सल्फर युक्त जीवाश्म ईंधन के जलने पर भी सल्फर डाई ऑक्साइड गैस का निर्माण होता है।
सल्फर डाई ऑक्साइड के गुण (Sulfur dioxide properties in Hindi)
- सल्फर डाइऑक्साइड एक अत्यंत विषैली गैस होती है।
- यह एक रंगहीन गैस है, जिसमें नाइट्रिक एसिड की तरह तीखी और परेशान कर देने वाली गंध होती है।
- सल्फर डाइऑक्साइड का गलनांक माइनस 72 डिग्री सेल्सियस होता है। अर्ताथ माइनस 72 सेल्सियस के तापमान पर यह गैस ठोस अवस्था से तरल अवस्था में परिवर्तित हो जाती है, माइनस 72 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर यह ठोस अवस्था में पायी जाती है।
- सल्फर डाइऑक्साइड गैस का क्वथनांक (Boiling Point) माइनस 10 डिग्री सेल्सियस होता है अर्ताथ माइनस 10 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर यह तरल अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।
- सल्फर डाइऑक्साइड का घनत्व 1.434 किलोग्राम प्रति घन मीटर होता है, इसलिए यह सामान्य हवा से भारी होती है।
- सल्फर डाइऑक्साइड गैस ज्वलनशील नहीं होती है।
- यह गैस बहुत आसानी से पानी में घुल जाती है।
- सल्फर डाइऑक्साइड गैस पानी के साथ प्रतिक्रिया करके सल्फोरस एसिड (H2SO3) का निर्माण करती है।
- वातावरण में बहुत अधिक मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड गैस रिलीज होने पर अम्लीय वर्षा (Acid Rain) की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। अम्लीय वर्षा अक्सर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद आसपास के क्षेत्रों में होती है।
- सल्फर डाइऑक्साइड अम्लीय प्रकृति की गैस होती है।
- नमी की उपस्थिति में यह गैस ब्लीचिंग एजेंट के रूप में कार्य करती है .
- सल्फर डाइऑक्साइड एक प्रबल ऑक्सीडाइसिंग एजेंट होती है।
सल्फर डाइऑक्साइड के उपयोग (Sulfur dioxide uses in Hindi)
- सल्फर डाइऑक्साइड उपयोग सल्फ्यूरिक एसिड के निर्माण में किया जाता है।
- डिब्बाबंद फ़ूड (Canned food) के लिए सल्फर डाइऑक्साइड का उपयोग प्रीजर्वेटिव के रूप में किया जाता है।
- सल्फर डाइऑक्साइड गैस का उपयोग पेट्रोलियम और शक्कर के शोधन में किया जाता है।
- इसका उपयोग रेफ्रिजरेंट के रूप में भी किया जाता है।
- इसका उपयोग साधारण कीटाणुनाशक (Disinfectant) के रूप में भी किया जाता है।
- अतिरिक्त क्लोरीन को निकालने के लिए सल्फर डाइऑक्साइड का उपयोग ब्लीचिंग एजेंट के रूप में किया जाता है।
- कार बैटरी और उर्वरको के निर्माण में भी सल्फर डाइऑक्साइड गैस का उपयोग किया जाता है।
- इसका उपयोग रबर के वल्कनाइजेशन में किया जाता है।
- पेपर पल्पिंग और पेपर ब्लीचिंग में भी सल्फर डाइऑक्साइड गैस का उपयोग किया जाता है।
- सल्फर डाइऑक्साइड का उपयोग सीमेंट के उत्पादन में किया जाता है।
- कीटनाशकों और कुछ प्रकार के गनपाउडर के उत्पादन सल्फर डाइऑक्साइड गैस का उपयोग किया जाता है।
सल्फर डाइऑक्साइड गैस कैसे बनती है
ऑक्सीजन की उपस्थिति में सल्फर को जलने पर सल्फर डाइऑक्साइड गैस का निर्माण होता है।
S + O2 + Heat = SO2
हाइड्रोजन सल्फाइड को ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाने पर पानी और सल्फर डाइऑक्साइड गैस का निर्माण होता है
H2S + O2 + Heat = H2O + 2SO2
मेटल सल्फाइड्स को उच्च तापमान पर गर्म करके भी सल्फर डाइऑक्साइड गैस का उत्पादन किया जा सकता है जैसे :-
आयरन सल्फाइड को गर्म करने पर फेरिक ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड गैस बनती है
FeS2 + O2 + Heat = Fe2O3 + SO2
जिंक सल्फाइड को गर्म करने पर जिंक ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड गैस बनती है
ZnS + O2 + Heat = ZnO + SO2
इनके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों के दहन से बहुत बड़ी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड गैस बनती है, तथा ज्वालामुखी विस्फोटों के कारण भी बहुत बड़ी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है।
यह भी पढ़ें