कार्बन मोनोऑक्साइड के गुण उपयोग और जानकारी Carbon Monoxide in Hindi
कार्बन मोनोऑक्साइड क्या है (What is Carbon Monoxide)
कार्बन मोनोऑक्साइड एक रासायनिक यौगिक है, इसका रासायनिक सूत्र CO है, यह एक रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन गैस है। कार्बन मोनोऑक्साइड के अणु में कार्बन का एक परमाणु और ऑक्सीजन के एक परमाणु होता है। यह ऑक्सोकार्बन परिवार का सबसे सरल अणु है। यह एक विषाक्त गैस है, लम्बे समय तक कार्बन मोनोऑक्साइड युक्त वातावरण में रहना घातक हो सकता है। यह गैस रसायन विज्ञान में कई प्रक्रियाओं का एक प्रमुख घटक होती है। थर्मल दहन कार्बन मोनोऑक्साइड का सबसे आम स्रोत है, लेकिन ऐसे कई पर्यावरणीय और जैविक स्रोत भी हैं जो कार्बन मोनोऑक्साइड की एक बड़ी मात्रा उत्सर्जित करते हैं।
कार्बन मोनोऑक्साइड के गुण (Carbon Monoxide Properties in Hindi)
- कार्बन मोनोऑक्साइड एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन और विषाक्त गैस होती है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड का घनत्व 1.14 किलोग्राम प्रति घन मीटर होता है, इसलिए यह सामान्य हवा से कुछ हलकी गैस है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड का गलनांक (Melting point) -205 डिग्री सेल्सियस होता है, अर्ताथ -205 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर यह ठोस अवस्था से तरल अवस्था में परिवर्तित हो जाती है। -205 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर यह गैस ठोस अवस्था में पायी जाती है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड का क्वथनांक (Boiling Point) -191.5 डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर कार्बन मोनोऑक्साइड तरल अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड एक ज्वलनशील गैस होती है, तथा इसका फ़्लैश पॉइंट -191 डिग्री सेल्सियस होता है।
- 605 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर यह गैस स्वतः ही प्रज्वलित हो जाती है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड गैस को जलाने पर चमकीली नीली लौ बनती है
- यह गैस जल में बहुत कम घुलनशील होती है, तथा क्लोरोफॉर्म, एसिटिक एसिड, एथिल एसीटेट, इथेनॉल, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड और बेंजीन में घुलनशील होती है।
कार्बन मोनोऑक्साइड के उपयोग (Carbon Monoxide Uses in Hindi)
- निकल धातु के शोधन में इसका उपयोग किया जाता है।
- इसका उपयोग डिटर्जेंट के उत्पादन में किया जाता है।
- मेथनॉल के उत्पादन में इसका उपयोग किया जाता है।
- इसका उपयोग रिड्यूसिंग एजेंट के रूप में किया जाता है, उदाहरण के लिए जब गर्म आयरन ऑक्साइड के ऊपर से कार्बन मोनो ऑक्साइड को गुजरा जाता है, इससे आयरन ऑक्साइड आयरन मेटल में परिवर्तित हो जाता है, तथा कार्बन मोनोऑक्साइड गैस कार्बन डाई ऑक्साइड गैस में परिवर्तित हो जाती है।
- इसका उपयोग हाई पावर इंफ्रारेड लेजर बनाने में किया जाता है।
- धातुओं की सतह से जंग साफ करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- खाद्य पदार्थो और पेय पदार्थो में अम्लता बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- ताजे मांस जैसे मछली, बीफ आदि की पैकेजिंग में इसका उपयोग किया जाता है।
- फॉस्जीन के उत्पादन में इसका उपयोग किया जाता है।
कार्बन मोनोऑक्साइड सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी
- कार्बन मोनोऑक्साइड एक गंधहीन गैस होती है, जब हम कार्बन मोनोऑक्साइड के वातावरण में सांस लेते है तो हमें इसका अहसास भी नहीं होता। सांस लेने पर कार्बन मोनोऑक्साइड अत्यंत हानिकारक होती है, क्योंकि यह रक्त में ऑक्सीजन को विस्थापित कर देती है, और हृदय, मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन से वंचित कर देती है। कुछ ही मिनटों में भारी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड बिना किसी चेतावनी के अपना असर दिखाना शुरू कर देती है, जिससे कोई व्यक्ति होश खो बैठता है और दम घुटने लगता है, अधिक समय तक इसमें सांस लेते रहने मृत्यु भी हो सकती है।
- किसी भी ईंधन के जलने पर कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है। इसलिए ऐसा कोई भी कार्य जिसमे ईंधन जलाने की आवश्यकता होती है, वे सभी कार्य किसी खुले स्थान पर करना चाहिए जहाँ हवा का पर्याप्त वेंटिलेशन हो। किसी बंद स्थान ईंधन जलाने से उस स्थान पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।
- सर्दियों में नहाने के लिए पानी गर्म करने करने लिए गैस गीजर का उपयोग किया जाता है, गैस गीजर में पानी गर्म करने के लिए गैस को जलाया जाता है, जिसके लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जब किसी बंद स्थान या बाथरूम में गैस गीजर का उपयोग किया जाता है, तब उस बाथरूम में उपस्थित सारी ऑक्सीजन का उपयोग गैस को जलाने में होने लगता है, जिससे बाथरूम में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ने लगता है। कार्बन मोनोऑक्साइड एक गंधहीन गैस होती है, सांस लेते समय हमें इसका पता नहीं चलता। अधिक देर तक कार्बन मोनोऑक्साइड के वातावरण में सांस लेते रहने से कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तथा और अधिक समय तक इस वातावरण में सांस लेते रहने से मृत्यु भी जाती है। गीजर से सम्बंधित ऐसे कई हादसे पूर्व में हो चुके है, इसलिए गैस गीजर का उपयोग हमेशा किसी ऐसे स्थान किया जाना चाहिए जहाँ पर उसे हवा का पर्याप्त वेंटिलेशन मिल सके।
- कार्बन मोनोऑक्साइड के वातावरण में सांस लेने से सरदर्द, दृष्टि का बिगड़ना, सांस लेने में तकलीफ और मतिभ्रम जैसे शुरूआती लक्षण महसूस होते है, अधिक देर तक उस वातावरण में सांस लेते रहने से निम्न रक्तचाप, सीने में दर्द और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं, ऐसे वातावरण में ज्यादा देर तक रहने से कोमा तथा मृत्यु सकती है। यदि कोई व्यक्ति कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का अनुभव करते हैं, तो उन्हें तुरंत ताजी हवा में जाना चाहिए, ताजी हवा में कदम रखते ही कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता तेजी से ठीक होने लगती हैं।
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