नाइट्रस ऑक्साइड के गुण उपयोग और अन्य जानकारी Nitrous oxide in Hindi
नाइट्रस ऑक्साइड क्या है (What is Nitrous oxide)
नाइट्रस ऑक्साइड एक अकार्बनिक यौगिक है, इसका रासायनिक सूत्र N2O होता है। इसके एक अणु में नाइट्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन का एक परमाणु होता है। नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) को डाइनाइट्रोजन मोनोऑक्साइड, लाफिंग गैस, हैप्पी गैस और नाइट्रस के नाम से भी जाना जाता है। नाइट्रस ऑक्साइड एक प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली गैस है, आमतौर पर इस गैस का उपयोग एनेस्थेटिक के रूप में किया जाता है। नाइट्रस ऑक्साइड नाइट्रोजन से जुड़े ऑक्साइडों में से एक है, परन्तु यह NOX गैसों के अंतर्गत नहीं आता है जो वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होती हैं। इस गैस की खोज सबसे पहले जोसेफ प्रीस्टली नामक रसायनज्ञ ने 1772 में की थी।
नाइट्रस ऑक्साइड के गुण (Properties of Nitrous oxide in Hindi)
- नाइट्रस ऑक्साइड एक गैस है, इसका घनत्व 1.977 किलोग्राम प्रति घन मीटर होता है, इसलिए यह गैस सामान्य हवा से भारी होती है।
- इसका गलनांक (Melting Point) -90.86 डिग्री सेल्सियस होता है, इससे कम तापमान पर नाइट्रस ऑक्साइड ठोस अवस्था में पायी जाती है।
- इसका क्वथनांक (Boiling Point) -88.48 डिग्री सेल्सियस होता है, अर्ताथ इस तापमान पर यह तरल अवस्था से ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।
- यह एक रंगहीन गैस है, तथा यह ज्वलनशील नहीं होती है। परन्तु यह एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक गैस है, इसलिए यह दहन में सहायक होती है।
- यह गैस जल में बड़ी आसानी से घुल जाती है।
- इसका स्वाद मीठा होता है और इसमें सुखद गंध होती है।
- नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) लंबे समय तक रहने वाली महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस है। नाइट्रस ऑक्साइड में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में वायुमंडलीय गर्मी-फँसाने की क्षमता का 298 गुना अधिक है।
- उच्च तापमान के संपर्क में आने पर नाइट्रस ऑक्साइड हिंसक रूप से विघटित होकर अपने मूल तत्वों ऑक्सीजन और नाइट्रोजन में टूट जाती है, जिससे इसके कंटेनर में भयानक विस्फोट हो सकता है।
- सामान्य तापमान पर यह गैस निष्क्रिय होती है, जबकि तापमान बढ़ने के साथ-साथ इसकी प्रतिक्रियाशीलता बढ़ती जाती है।
- साँस के साथ लेने पर यह गैस शरीर के प्रतिक्रिया समय को धीमा कर देती है। यह हल्के हिस्टीरिया के साथ दर्द के प्रति असंवेदनशीलता पैदा करता है, तथा एक शांत उत्साहपूर्ण भावना उत्पन्न करती है, जिससे अक्सर लगातार हँसी उत्पन्न होती है, इसलिए इस गैस को लाफिंग गैस भी कहा जाता है।
नाइट्रस ऑक्साइड के उपयोग (Uses of Nitrous oxide in Hindi)
- इसका उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में एनेस्थेटिक के रूप में किया जाता है। यह शल्य चिकित्सा की प्रक्रिया से पहले चिंता को दूर करने में मदद करता है और रोगी को आराम करने की अनुमति देता है।
- नाइट्रस ऑक्साइड का उपयोग रॉकेट मोटर में ऑक्सीकारक के रूप में किया जाता है। अन्य ऑक्सीडाइज़र की तुलना में यह बहुत कम विषैला होता है, और कमरे के तापमान पर इसकी स्थिरता के कारण इसे स्टोर करना भी आसान होता है और उड़ान भरने के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित भी होता है।
- इसका उपयोग अन्य केमिकल के उत्पादन में किया जाता है।
- हाई स्पीड रेसिंग कार और बाइक में इसका उपयोग ईंधन मिश्रण के रूप में किया जाता है, यह ईंधन के दहन के समय अधिक मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध करवाता है, जिससे इसका उपयोग करने पर इन वाहनों की पावर और गति बहुत अधिक बढ़ जाती है।
- नाइट्रस ऑक्साइड को फ़ूड एडिटिव के रूप में उपयोग के लिए अप्रूव किया गया है, यह गैस फैटी यौगिकों में अत्यधिक घुलनशील है। इसलिए इसका उपयोग फ़ूड एडिटिव के रूप में एरोसोल स्प्रे प्रणोदक के रूप में किया जाता है।
- नाइट्रस ऑक्साइड एक अक्रिय गैस है, और इसे एक सुरक्षित फ़ूड एडिटिव माना जाता है। यह किसी भी तरल क्रीम के साथ तरल रूप में मिलाया जाता है। जिससे यह ऑक्सीजन को विस्थापित करते हुए, कनस्तर के अंदर क्रीम को बासी होने से रोकता है।
- इसका उपयोग स्वाद बढ़ाने वाली सामग्री के रूप में भी किया जाता है।
अन्य जानकारी (Other information)
- नाइट्रस ऑक्साइड हमेशा अमोनिया के नाइट्रेट से निकाला जाता है।
- नाइट्रस ऑक्साइड गैस का प्रभाव कुछ ही मिनटों में महसूस होने लगता है। चूंकि यह गैस व्यक्ति को पूरी तरह से सोने नहीं देती है, इसका उपयोग करने पर मरीज सुन सकते है कि उनके आस-पास क्या हो रहा है। और उन सवालों के जवाब देने में सक्षम हो सकते हैं जो डॉक्टर उनसे पूछते हैं और उन निर्देशों का पालन करते हैं जो वे उन्हें पूरी प्रक्रिया के दौरान देते हैं।
- नाइट्रस ऑक्साइड का अत्यधिक उपयोग डीएनए को नुकसान पहुंचाकर मानसिक दुर्बलता और उत्परिवर्तन का कारण बन सकता है।
- यह ऑक्सीजन की कमी का भी कारण बनता है और नाइट्रस ऑक्साइड के लंबे समय तक संपर्क में रहने से विटामिन बी12 की कमी हो जाती है।
- ओजोन परत के क्षरण में नाइट्रस ऑक्साइड भी शामिल है। 2009 के एक अध्ययन से पता चलता है कि नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उत्सर्जन एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण ओजोन-क्षयकारी उत्सर्जन है।
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